Thursday, 15 April 2021

प्रश्न - मानसिक असंतुलन का शिकार हूँ, व एक कार्य पर टिककर कार्य सकने में असमर्थ हूँ। मार्गदर्शन करें।

 प्रश्न - मानसिक असंतुलन का शिकार हूँ, व एक कार्य पर  टिककर कार्य सकने में असमर्थ हूँ। मार्गदर्शन करें।


उत्तर - अनगढ़ भागता हुआ मन एक समस्या है, नियंत्रित व सधा हुआ नियंत्रित मन एक वरदान है। जीवन की समस्या को हल करके जीवन को वरदान में बदलने हेतु मन को साधना होगा। कठिन मग़र असम्भव नहीं है। निम्नलिखित उपाय 6 महीने तक करें, सफलता अवश्य मिलेगी।


1- नित्य दोनो हाथ से बारी बारी गायत्री मन्त्रलेखन करना है। कम से कम पांच लाइन दाहिने हाथ से और उसके बाद पांच लाइन बाएं हाथ से मन्त्रलेखन करना है।


2- मन्त्रलेखन की पुस्तिका तकिए के नीचे रखकर सोना है। मन्त्रदुपट्टा ओढ़कर सोएं या तकिए के ऊपर रखकर सोएं।


3- कोई भी ऊनि वस्त्र का आसन (कम्बल या शॉल) बिछा कर उस पर नित्य गायत्री साधना (324 गायत्री मन्त्र जप उगते सूर्य का ध्यान करते हुए) करनी है। एक माला निम्नलिखित मन्त्र का खड़े होकर जप करना है :-


ॐ भूर्भुवः स्व: क्लीं क्लीं क्लीं तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात क्लीं क्लीं ॐ


4- नित्य शाम को एक बजरंग बाण और एक हनुमान चालीसा का पाठ करके फिर सोना है।


5- नज़दीकी गायत्री शक्तिपीठ में समय दान करें व वहां की साफ सफाई करें, इससे आपके प्रारब्ध कटेंगे, साफ होंगे। यदि नजदीक में गायत्री शक्तिपीठ न हो तो नजदीकी किसी भी मन्दिर में सेवा कार्य करें।


6- शक्तिपीठ में यज्ञ में सम्मिलित हो और प्राणायाम करें। कम से कम 21 बार अनुलोमविलोम प्राणायाम नित्य करना है।


7- घर मे प्रत्येक शनिवार और मंगलवार को मम्मी को बोलकर चार बाती वाला सरसो के तेल का दिया जलवाओ। उसके बाद उसके समक्ष तुम बजरंग बाण करो।


8- मनोचिकित्सक के पास जाकर काउंसलिंग सेशन लो और उनके द्वारा दी गयी दवा नियम से खाओ।


9- गायत्री शक्तिपीठ पर जाकर निम्नलिखित पुस्तक पढ़ो:-


- कलात्मक जीवन जियें (व्यक्तित्व का मनोविज्ञान)

- गहना कर्मणो गति: (कर्मफ़ल का सुनिश्चित विज्ञान)

- हारिये न हिम्मत 

- सफल जीवन की दिशा धारा

- मानसिक संतुलन

- प्रबंध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल

- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा

- अध्यात्म विद्या का प्रवेश द्वार

- स्वर्ग नरक की स्वचालित प्रक्रिया

- मानव मष्तिष्क एक प्रत्यक्ष कल्पवृक्ष

- बुद्धि बढाने की वैज्ञानिक विधि

- अधिकतम अंक कैसे पाएं


उपरोक्त पुस्तक गूगल में सर्च करके ऑनलाईन भी पढ़ सकते हैं।


10 - यूट्यूब पर नित्य चाणक्य-चंद्रगुप्त, अकबर-बीरबल, तेनालीराम-कृष्णदेवराय के सीरियल के एक या दो एपिसोड नित्य देखें। बुद्धि का चतुराई से प्रयोग सीखें।


11- किस्से कामयाबी के यूट्यूब पर सर्च करें, सफल लोगो के जीवन के संघर्ष को सुनें व उनसे प्रेरणा लें।


12- यूट्यूब पर पूर्णिमा के चंद्रमा का ध्यान श्रद्धेय द्वारा बताई विधि से करें।


https://youtu.be/OIuOq76WHI8


24 बार निम्नलिखित चन्द्र गायत्री मन्त्र जप करे


ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे, अमृततत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात।


13- गुरुदेब व माता गायत्री से प्रार्थना करें कि मेरे प्रारब्ध का शमन करके मुझे नया व्यवस्थित जीवन दें। मैं मेरे जीवन मे आपका आह्वाहन करता हूँ, मेरी जॉब व कमाई में आपको अमुक परसेंट का पार्टनर बनाता हूँ। आज से मेरा जीवन आपको समर्पित है,मैं मेरा जीवन हैंडल नहीं कर पा रहा, आपको  सौंप रहा हूँ। शक्ति व सामर्थ्य दें कि आपके मार्गदर्शन में यह जीवन व्यवस्थित जी सकूँ।


14 - निम्नलिखित भावना मन्त्र नित्य एक बार दोहराएं:-


मैं पूर्ण स्वस्थ हूँ, मेरे रक्त का रंग लाल है, मेरे चेहरे में दिव्य तेज है, मैं दिव्य प्राण ऊर्जा से भरा हूँ।  मैं मेरे दिमाग़ का मालिक हूँ। मेरा मेरे मन पर पूर्ण नियंत्रण है। मैं पूर्णतया तन मन धन से स्वस्थ हूँ। मैं एक सफल इंसान हूँ। मैं खूब तरक्की करूंगा। बहुत अच्छा जीवन जियूँगा। मैं माता गायत्री की सन्तान हूँ, उनके समस्त गुण व शक्तियां मुझमें बीज रूप में है। मैं मेरी माता द्वारा दी समस्त शक्तियों को जागृत नित्य गायत्री साधना से करूंगा। सफल व सुखमय जीवन जियूँगा। 


15 - जिस भी फील्ड में जॉब या व्यवसाय करना चाहते हैं। इंटरनेट व यूट्यूब में उससे सम्बंधित विषयवस्तु सर्च करके पढ़े। नोट्स बनाये। अपने ज्ञान को बढ़ाये। कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। अपनी पसंद के कार्य को छोटे स्तर से प्रारम्भ कर के बड़े स्तर तक ले जाएं। मनोबल बढ़ाये।


संसार मे कोई  भी रिश्ता परफेक्ट नहीं होता, हमें बस जो जैसा है उसे वैसे स्वीकार करके उसे हैंडल करना होता है। या जो प्रयास के बाद न सम्हले उसे छोड़ देना होता है। 


दुसरो से उम्मीद मत करो कि वह तुम्हे बेहतरीन जीवन दें, अपितु खुद से कहो कि मैं अपना जीवन संघर्षों से लड़ते हुए बेहतरीन कलात्मक जीवन से जियूँगा। स्वयं से उम्मीद बांधो व केवल स्वयं से प्रतिस्पर्धा करो। दुसरो से स्वयं के जीवन की तुलना मत करो।


🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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