प्रश्न - हमको सबसे पहले सुधार किसका करना चाहिए स्वयं का या दूसरों का..
उत्तर - बुझा हुआ दीपक दूसरे दीपक को जला नहीं सकता। इसी तरह जब तक स्वयं में सुधार व बदलाव न आये आप किसी को सुधार व बदल नहीं सकते।
शब्द बल्ब की तरह हैं, वह तब तक अंधेरा दूर नहीं कर सकते जब तक उसमें आचरण व व्यक्तित्व की ऊर्जा प्रवाहित न हो।
इसलिए ही परमपूज्य गुरुदेब ने कहा है कि - *हम सुधरेंगे, युग सुधरेगा। हम बदलेंगे, युग बदलेगा।* परिवर्तन चाहते हो तो परिवर्तन का हिस्सा बनो।
सूर्य की तरह दुनियां रौशन करने के लिए स्वयं को तपाना पड़ेगा। अप्प दीपो भव - स्वयं को प्रज्ज्वलित करना होगा। स्वयं को सुधारना व स्वयं के मन को साधना होगा।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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