जीवनसाथी से लड़कर वैवाहिक जीवन सुखी नहीं किया जा सकता। पति हो या पत्नी, रिमोट कंट्रोल के साथ नहीं आते। उन्हें नियंत्रित नहीं किया जा सकता। केवल निःश्वार्थ प्रेम व सेवा से ही जीवन साथी को वश में किया जा सकता है। प्रेम बन्धन में बांधा जा सकता है। अधिकार मत मांगिये, अपितु कर्तव्यों का पालन कीजिये और थोड़ा बहुत एडजस्ट कीजिये। दो अलग घरों में पले बढ़े लोग एक जैसी सोच व संस्कार के नहीं हो सकते। अतः जो जैसा है उसे वैसा स्विकारोगे तो सुखी रहोगे।
जिनके वैवाहिक जीवन में प्रेम का अभाव हो या जो वैवाहिक जीवन को प्रेममय व सुखमय बनाना चाहते हैं उन्हें आज के दिन से प्रारम्भ करके 40 दिन तक लगातार नित्य ग्यारह माला गायत्री मंत्र, एक माला राधा गायत्री मन्त्र, एक माला कृष्ण गायत्री मन्त्र, एक माला चन्द्र गायत्री मन्त्र व एक माला भाग्योदय मृत्युंजय मन्त्र की जपकर अनुष्ठान करना चाहिए। अनुष्ठान पूर्णाहुति पर यज्ञ करके दान करना चाहिए।
।। *दीप यज्ञ*।।
शाम को 5 दीप प्रज्वलित कर लें और निम्नलिखित मन्त्रों के साथ भावनात्मक आहुति दें।
👉🏼 *11 गायत्री मंत्र* - *ॐ भूर्भुवः स्व: तत सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात।*
👉🏼5 राधा गायत्री मंत्र - *ॐ वृषभानुजायै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि। तन्नो राधा प्रचोदयात्।॥*
👉🏼5 कृष्ण गायत्री मंत्र - *ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि। तन्नः कृष्णः प्रचोदयात्॥*
👉🏼3 महामृत्युंजय मंत्र - *ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्*
👉🏼3 चन्द्र गायत्री मंत्र - *ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि। तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात्।*
👉🏻 3 भाग्योदय मृत्युंजय मन्त्र - *ॐ जूं स: माम् भाग्योदयं कुरु कुरु स: जूं ॐ*
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