मेरा सद्गुरु मेरे लिए कई रूप रखता है,
कभी माता की तरह प्यार लुटाता है,
कभी पिता की तरह शासन करता है,
कभी गुरु की तरह मार्गदर्शन करता है।
मेरा सद्गुरु मेरे लिए कई रूप रखता है।।
जब मेरा मनोबल टूट जाता है,
मेरा सद्गुरु मोची बन जाता है,
मेरे मनोबल की मरम्मत करता है,
उसे पुनः ठीक कर देता है।
मेरा सद्गुरु मेरे लिए कई रूप रखता है।।
मेरा सद्गुरु माली बनता है,
मेरे अंदर सद्गुणों की खेती करता है,
रोज सद्विचारों का खाद पानी देता है,
मेरे अंदर संस्कारो की फसल लहलहाता है।
मेरा सद्गुरु मेरे लिए कई रूप रखता है।।
जब मेरा दिल टूटता है,
मेरा सद्गुरु दर्जी बन जाता है,
मेरे दिल को प्यार से सिलता है,
उसमें पुनः उत्साह उमंग के रँग भरता है।
मेरा सद्गुरु मेरे लिए कई रूप रखता है।।
मेरा सद्गुरु अंतर्जगत का गाइड बनता है,
मेरे अंतर्जगत की यात्रा करवाता है,
मेरे भीतर मेरे साथ रहता है,
हर पल मेरा मार्गदर्शन करता है।
मेरा सद्गुरु मेरे लिए कई रूप रखता है।।
मेरा सद्गुरु कुम्हार बनता है,
अनगढ़ से सुगढ़ बनाता है,
बाहर से चोट देता है,
भीतर से प्यार से सम्हालता है।
मेरा सद्गुरु मेरे लिए कई रूप रखता है,
कभी माता की तरह प्यार लुटाता है,
कभी पिता की तरह शासन करता है,
कभी गुरु की तरह मार्गदर्शन करता है।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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