*असली व नकली अध्यात्म के अंतर को समझो*
अध्यात्म तो कर्म में कुशल बनाता है,
अध्यात्म से कोई कामचोर नहीं बनता,
अध्यात्म तो बड़े उत्तरदायित्व लेना सिखाता है,
अध्यात्म से कोई भगौड़ा नहीं बनता।
अध्यात्म तो तपना सिखाता है,
कष्टों दुखदर्द में मनोबल बढ़ाता है,
अध्यात्म तो साहसी बनाता है,
अध्यात्म तो बेहतरीन इंसान बनाता है।
जो कठिनाइयों से डरकर,
निज उत्तरदायित्व से बचकर,
अध्यात्म के नाम पर भगौड़े झूठे साधु बनते हैं,
ऐसे धर्म व्यापारी नकली अध्यात्म को अपनाते हैं।
असली व नकली अध्यात्म के अंतर को समझो,
जगतगुरु श्रीकृष्ण के गीता ज्ञान को समझो,
जीवन के महाभारत में..
एक हाथ में आत्मकल्याण हेतु माला,
दूसरे में जनकल्याण हेतु भाला उठाओ,
निज कर्म में कुशलता बढ़ाओ,
जीवन के युद्ध क्षेत्र में भी अध्यात्म को पाओ।
न घबराओ न आँसू बहाओ,
वीर व वीरांगना बनकर अध्यात्म क्षेत्र को अपनाओ,
निज उत्तरदायित्व को दृढ़ता से निभाओ,
कीचड़ में रहकर कमल सा खिल जाओ,
संसार में रहकर अध्यात्म की ऊंचाई पाओ,
गृहस्थी में रहकर भी आत्मज्ञान पाओ,
शुद्ध अन्तःकरण से ईश्वर की कृपा पाओ।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
No comments:
Post a Comment