प्रश्न - तीन माह में मेरी शादी होने वाली है, आप मुझे सुखमय वैवाहिक जीवन हेतु सलाह दें।
उत्तर - वैवाहिक जीवन में सुखी रहने के उपाय:-
1- बिन मांगें सलाह न दें
2- जीवनसाथी को प्रधानमंत्री की तरह महत्त्वपूर्ण माने, बिना तथ्य तर्क और प्रमाण के कोई भी प्रपोजल जीवनसाथी के समक्ष न ले जाएं।
3- जीवनसाथी एक मनुष्य है, उसका रिमोट कंट्रोल ढूंढने का प्रयास न करें। उसे नियंत्रित करने की कोशिश न करें।
4- आपने मनुष्य से शादी की है, तो उसमें देवी-देवताओं जैसे परफेक्ट गुण-स्वभाव-कर्म न तलाशें।
5- जीवनसाथी अन्तर्यामी परमात्मा नहीं है, जो आपकी भावनाओं को बिन बोले समझ लेगा। मनुष्य है अतः उसे बोलकर अपनी भावनाएं जताएं और समझाएं।
6- अपने जीवनसाथी की तुलना अन्य पुरुष/स्त्री से करने की भूल न करें।
7- जो मिला है उसी के साथ खुश रहें। लेन-देन प्रकृति का नियम है, समझौता विवाह की प्रथम शर्त है। यह याद रखें।
दूसरों को हैंडल करना सीखें, ससुराल व परिवार में सब आपको जाते ही आपकी इच्छानुसार स्वीकार लेंगे ऐसी कल्पना भी न करें। सबके साथ आपका व्यवहार और आपके साथ सबका व्यवहार जैसे जैसे मेल खायेगा वैसे वैसे एक दूसरे को स्वीकार कर सकेंगे। ऑपरेशन के बाद भी वक्त लगता है टाँके जुड़ने में, ऐसे ही दो अलग परिवार के दो लोग जो विवाह के दौरान एक हुए हैं उन्हें एक होने में वक्त लगेगा। धैर्य रखना होगा। एक दूसरे का सच्चा मित्र बनना होगा।
जब भी रिलेशनशिप में विपत्ति आये धैर्यपूर्वक उसे सुलझाने की कोशिश करना, उलझने व समस्या गिनने में समय व्यर्थ मत करना।
अपने जीवन लक्ष्य को समझना, किसी न किसी कार्य मे व्यस्त रहना। कलियुग है अतः स्वयं की सुरक्षा व अस्तित्व के रक्षण के लिए स्वयं को योग्य बनाना।
निःश्वार्थ प्रेम, सेवा भाव, अच्छे व्यवहार व मधुर बोली से लोगों का दिल जीता जा सकता है, ओल्ड फैशन आइडिया है लेकिन आज भी काम करता है।
निम्नलिखित पुस्तकों का स्वाध्याय सुखी गृहस्थी के निर्माण में सहायक है:-
1- गृहस्थ में प्रवेश से पूर्व उसकी जिम्मेदारी समझें
2- गृहस्थ एक तपोवन
3- मित्रभाव बढाने की कला
4- भाव संवेदना गंगोत्री
5- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
6- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
7- जीवन जीने की कला
👏 श्वेता, DIYA
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