Wednesday, 9 June 2021

यदि तुम भयभीत हो तो सच्चे अध्यात्म से अभी दूर हो

 *यदि तुम भयभीत हो तो सच्चे अध्यात्म से अभी दूर हो*


मन में साहस व धैर्य रखिये

भरोसा ईश्वर पर पूरा कीजिये, 

संघर्षों व विपत्तियों से डटकर लड़िये,

लड़कर ही विजेता या शहीद बनिये।


यह धरती वीरों के लिए ही सुखदायी है,

कायरों के लिए यह धरती हमेशा दुःखदायी है,

अतः वीरता व साहस जगाइये,

बिना लड़े हार मत मानिए।


जो डर गया,

वह मर गया,

जो मन से हार गया,

वह जीवन हार गया,

डर को साहस से बदल दो,

मन में साहसी विचारों को भर दो,

जीवन संघर्ष की चुनौतियों को,

सहर्ष स्वीकार लो,

सूझबूझ व समझदारी से,

इन को अपने नियंत्रण में ले लो।


ईश्वर उसी की मदद कर सकता है,

जो अपनी मदद स्वयं करता है,

आध्यात्मिक होने का अर्थ ही कर्मयोगी होना है,

आध्यात्मिक होने का अर्थ ही निडर होना है।


यदि तुम भयभीत हो,

तो तुम अभी अध्यात्म से दूर हो,

यदि तुम चिंतित हो,

तो तुम ईश्वर की शक्ति से अपरिचित हो।


भय को मिटाना है,

तो ईश्वर पर पूरा विश्वास करना होगा,

जीवन को आनन्दमय जीना है,

तो संघर्ष में भी श्रीकृष्ण की तरह मुस्कुराना होगा।


जीवन युद्ध मे भी,

गीता का संदेश याद रखना होगा,

बुद्धिरथ का सारथी सद्गुरु को बनाकर,

अपना युद्ध स्वयं ही लड़ना होगा।


🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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