*वह शक्ति हमे दो गायत्री माँ अम्बे*
वह शक्ति हमे दो गायत्री माँ अम्बे,
कर्तव्य मार्ग पर चल सकें,
अधिकारों की उपेक्षा कर,
राष्ट्रपुरोहित की भूमिका निभा सकें।
वह शक्ति हमे दो गायत्री माँ अम्बे,
नींव का पत्थर बन सकें,
प्रशंशा, सुविधा व सम्मान की लालच छोड़कर,
कर्तव्य राष्ट्रपुरोहित के निभा सकें।
वह शक्ति हमे दो गायत्री माँ अम्बे,
मोती के धागे बन सकें,
बाहर किसी को भले न दिखें,
मग़र भीतर से मिशन को सम्हाल सकें।
वह शक्ति हमे दो गायत्री माँ अम्बे,
समर्पित शिष्य बन जीवन धन्य कर सकें,
गुरु अनुशासन में स्वयं को ढाल सकें,
गुरुमय गायत्रीमय जीवन जी सकें।
वह शक्ति हमे दो गायत्री माँ अम्बे,
मोक्ष की लालच में न पड़े,
सम्मान, यश, सुविधा पाने की अंधी दौड़ से बचें,
धर्म पालन में निःश्वार्थी बने।
वह शक्ति हमे दो गायत्री माँ अम्बे,
गुरु इच्छानुसार राष्ट्रपुरोहित बन सकें।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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