सास, बहु और बेटा....
बेटों की माताओं ने बेटों के पालन पोषण संस्कार व बहु के प्रति व्यवहार का तरीका व ओल्ड सॉफ्टवेयर उपयोग किया, बेटियों की माताओं ने बेटियों के पालन पोषण व संस्कार व दामाद के प्रति व्यवहार में लेटेस्ट सॉफ्टवेयर व तरीका अपनाया। तो ऐसे में जो विवाह होगा उसकी सफ़लता में संदेह ही होगा।
क्योंकि सास ने जैसा दुर्व्यवहार अपनी सास से पाया था वही दुर्व्यवहार बहु से करेगी, जॉब वाली बहु के सर पर पल्ला, किचन में पोछा और बर्तन मांजने वाले बिम बार सूखा उम्मीद करेगी तो झगड़े तो होंगे ही। बहु सास से माता वाला व्यवहार उम्मीद करेगी और न मिलने पर कूढ़ेगी तो लफड़े तो होंगे ही...
जो बहुएं यह उम्मीद करेंगी कि उनका पति उनकी तरफ़ से अपनी माँ से बात करे तो भी बेवकूफी ही होगी। क्योंकि यदि बेटा माँ को समझाने गया तो "जोरू का गुलाम" टैग मिलेगा, यदि पत्नी को समझाने गया तो "माँ के पल्लू में बंधने वाला" टैग मिलेगा। एक तरफ कुआँ और दूसरी तरफ खाई है। भावनात्मक कुशलता व बुद्धिमान लड़का न हुआ तो कम्पनी ऑफिस में जरूर प्रमोशन पाए और उसे सम्हाल ले, लेक़िन घर तो जरूर बिगाड़ लेगा ही। क्योंकि ग़लत का साथ दिया तो तबाही होगी ही।
कृपया जब भी विवाह सम्बंध बनाएं तो संस्कार के सॉफ्टवेयर मैच करके विवाह करें, सर पर पल्ला, किचन में पोछा और बिम बार सूखा चाहिए तो कम पढ़ी लिखी घरेलू लड़की से विवाह करें। यदि पढ़ी लिखी जॉब वाली बहु ला रहे हो तो सर पर पल्ला मत ढूढों, उसकी जगह उससे घर व कार की EMI एवं घर सम्हालने की बस उम्मीद करो। ऐसी बहु से दोस्त की तरह व्यवहार करने में भलाई है। उसकी निजता व वस्त्र पहनने के तरीक़े में हस्तक्षेप न करने में ही समझदारी है।
बहु जी स्वयं थोड़ी बुद्धि का प्रयोग करें, यह समझें की खीर मीठी व कढ़ी तीखी होगी ही। मायका मीठा और ससुराल तीखा होगा ही। अतः लांछन, ताने, कड़वे बोल, तुम्हारे कार्य मे मीन मेख, तुम्हारे खाने पीने व पहनने में हस्तक्षेप ससुराल होने की निशानी है। ऑफिस में बॉस व ससुराल में सास मनपसंद व्यवहार नहीं करेंगे, यही जीवन है। तुम यदि भावनात्मक कुशल व बुद्धिमान न हुई तो रोने व पति से शिकायत करने में समय व्यर्थ करोगी, हासिल कुछ न होगा व घर युद्ध का मैदान बनेगा। माँ का लाडला बेटा तुम्हारे लिए माँ को नहीं समझायेगा, अतः सास से अच्छे सम्बंध तुम्हें स्वयं के बुद्धि प्रयोग से ही बनाना पड़ेगा। शिकायत छोड़ो और अक्ल दौड़ाओ, वर्षों से चली आ रही सास बहू की दुश्मनी को प्रेम में बदल दो। जहां चाह वहां राह बन ही जाती है।
जो घर में होता आ रहा है, वह परम्पराएं पालोगे तो घर टूटेंगे। यदि समय के साथ स्वयं के मानसिक सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करोगे तो रिश्ते स्वस्थ बनेंगे।
💐श्वेता, DIYA
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