Wednesday 6 October 2021

नवरस (नौ रस)

 नवरस (नौ रस) - श्रृंगार, हास्य, करुण, रौद्र, वीर, भयानक, वीभत्स, अद्भुत और शांत 


नवरसों से युक्त ज़िंदगी,

या नवरसों में उलझी ज़िंदगी?

नवरसों में बंधी जिंदगी,

या नवरसों से मुक्त ज़िंदगी?


*श्रृंगार* बिना सौंदर्य नहीं,

अत्यधिक *श्रृंगार* में कृत्रिम ज़िंदगी,

*हास्य* बिना नीरस ज़िंदगी,

अत्यधिक *हास्य* में फूहड़ ज़िंदगी...


*करुणा* बिना हृदयहीन ज़िंदगी,

अत्यधिक *करुणा* में भावुक जिंदगी,

*रौद्र* बिना बेबस जिंदगी,

अत्यधिक *रौद्र* में विध्वंसक ज़िंदगी...


*वीरता* बिना कायर ज़िंदगी,

अत्यधिक *वीरता* में दूसरों को पराजित करती जिंदगी,

*भयानक* बिना बेख़ौफ़ जिंदगी,

अत्यधिक *भयानक* में डरती छिपती ज़िन्दगी...


*वीभत्सता* बिना सुकूनमय ज़िन्दगी,

अत्यधिक *वीभत्सता* में घृणित अप्रिय जिंदगी,

*अद्भुत* बिना औसत ज़िंदगी,

अत्यधिक *अद्भुत* में अप्रतिम ज़िंदगी...


*शांति* बिना अशांत बेचैन ज़िंदगी,

अत्यधिक *शांति* में,

कभी सुकूनमय तो कभी नीरस ज़िंदगी,

नवरस में संतुलन है तो,

नवरस से युक्त ज़िंदगी,

नवरस में असंतुलन है तो,

नवरस के बंधन में जिंदगी।


लेखिका- श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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