नवरस (नौ रस) - श्रृंगार, हास्य, करुण, रौद्र, वीर, भयानक, वीभत्स, अद्भुत और शांत
नवरसों से युक्त ज़िंदगी,
या नवरसों में उलझी ज़िंदगी?
नवरसों में बंधी जिंदगी,
या नवरसों से मुक्त ज़िंदगी?
*श्रृंगार* बिना सौंदर्य नहीं,
अत्यधिक *श्रृंगार* में कृत्रिम ज़िंदगी,
*हास्य* बिना नीरस ज़िंदगी,
अत्यधिक *हास्य* में फूहड़ ज़िंदगी...
*करुणा* बिना हृदयहीन ज़िंदगी,
अत्यधिक *करुणा* में भावुक जिंदगी,
*रौद्र* बिना बेबस जिंदगी,
अत्यधिक *रौद्र* में विध्वंसक ज़िंदगी...
*वीरता* बिना कायर ज़िंदगी,
अत्यधिक *वीरता* में दूसरों को पराजित करती जिंदगी,
*भयानक* बिना बेख़ौफ़ जिंदगी,
अत्यधिक *भयानक* में डरती छिपती ज़िन्दगी...
*वीभत्सता* बिना सुकूनमय ज़िन्दगी,
अत्यधिक *वीभत्सता* में घृणित अप्रिय जिंदगी,
*अद्भुत* बिना औसत ज़िंदगी,
अत्यधिक *अद्भुत* में अप्रतिम ज़िंदगी...
*शांति* बिना अशांत बेचैन ज़िंदगी,
अत्यधिक *शांति* में,
कभी सुकूनमय तो कभी नीरस ज़िंदगी,
नवरस में संतुलन है तो,
नवरस से युक्त ज़िंदगी,
नवरस में असंतुलन है तो,
नवरस के बंधन में जिंदगी।
लेखिका- श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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