संगठन में ही शक्ति है, यह संगठित बल ही दुर्गा शक्ति है।
एक समय की बात है कि एक जगह केकड़ो का भरा पूरा समूह रहता था। एक बगुले जब उस स्थान की जानकारी हुई तो वह बहुत खुश हुआ। वह बगुला वहां जाता और उसे देख जान बचाने लिए केकड़े इधर उधर भागते। भागते भयभीत केकड़ो में से कई को पकड़कर वह खा जाता था, केकड़े समूह को बहुत जानमाल की हानि हो रही थी।
केकड़े समूह की मीटिंग हुई व कहा यदि संगठित हो तो हम बगुले को हरा सकते हैं। वो सब सहमत हुए व रणनीति बनाई कि बगुले से डरकर भागने की जगह हम सब एकजुट होकर उस पर हमला करेंगे व उसके पंखों को नष्ट करेंगे। इस युद्ध में जो केकड़े शहीद होंगे उन्हें सम्मान दिया जाएगा व उसके परिवार जन को सब मिलकर सम्हालेंगे। बगुला जैसे आया वैसे ही जान हथेली पर लेकर केकड़े उस पर हमला कर दिए। इस आकस्मिक हमले को बगुला झेल न सका और उसके पँखो को केकड़ो द्वारा काट दिए जाने पर उड़ भी न सका। उस अधमरे बगुले को सारे केकड़े अपने समूह में लाये और उसे मारकर खा गए।
डर के आगे जीत है, संगठित प्रयास से बड़ी से बड़ी समस्या हल हो सकती है। यदि सब संगठित हो जाओ तो नशे के राक्षस ड्रग्स माफ़िया को भारत से समाप्त कर भारतीय युवाओं को तबाह होने से बचा सकते हो।
🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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