गर्भस्थ की पाठशाला,
गर्भ में ही माता पिता द्वारा,
यह अनूठी पाठशाला,
जहां शिक्षण मिलेगा निज माता पिता द्वारा..
माता द्वारा मिलेगा गर्भ में ही,
आकार व संस्कार एक साथ,
पिता द्वारा मिलेगा गर्भ में ही,
ज्ञान व प्यार एक साथ...
मंत्रजप की तपशक्ति से,
गर्भस्थ ऊर्जावान बनेगा,
गहन ध्यान के तपकर्षण से,
गर्भस्थ प्राणवान बनेगा...
व्यक्तित्व निर्माण के सूत्र,
छोटी छोटी कहानियों से मिलेंगे,
महापुरुषों के जीवन चरित्र,
गर्भस्थ को प्रेरित करेंगे...
गर्भसंवाद के माध्यम से,
गर्भस्थ व माता पिता बात करेंगे,
भावनाओ के आदान प्रदान से,
एक दूसरे को और समझेंगे जानेंगे...
युगऋषि श्रीराम शर्मा आचार्य जी की,
यह है अद्भुत प्रयोगशाला,
आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी मुहिम में,
गर्भ ही बन जाये गर्भस्थ की प्रथम पाठशाला...
💐श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
No comments:
Post a Comment