प्रश्न- जब कोई हमारी सादगी व हमारे रूप रंग का मज़ाक उड़ाए तो हम क्या करें? कैसे हैंडल करें?
उत्तर- प्रत्येक जीव ने स्वयं को नहीं बनाया, उसको बनाने वाला वह ईश्वर है और उसके पूर्व जन्म के प्रारब्ध व कर्म है।
जो भी शरीर मिला हो हिरन का या शेर का, लड़की का या लड़के का, गोरी का या काली का फर्क नहीं पड़ता। परन्तु प्रत्येक व्यक्ति को अपना युद्ध स्वयं लड़ना पड़ता है,
तुम अहिंसक हिरण की तरह निष्पाप हो तो इसका अर्थ यह नहीं कि तुम्हारा हिंसक शेर शिकार नहीं करेंगे, तुम किसी का उपहास नहीं करती तो इसका अर्थ यह नहीं कि तुम्हारा उपहास न उड़ाया जाएगा।
तुम कृष्ण की मित्र हो तो इसका अर्थ यह नहीं कि दूर्योधन तुम्हारे साथ छल नहीं करेगा।
वीर भोग्या वसुंधरा, यह धरती उन्ही के लिए सुरक्षित है जो वीर हो,
जहां रहती हो वह किराए का घर है, बदल दो और नई सुरक्षित जगह जाओ।
या
स्वयं के अंदर इतना आत्मबल जगाओ कि उपहास करने वाली लड़कियों के साथ खुद भी स्वयं पर ठहाका लगाओ जैसे कि अष्टावक्र ने राजा जनक के दरबार पर ठहाका लगाया था।
अष्टावक्र जब दरबार मे गए तो लोग उनको देखकर उपहास उड़ाते हुए हंसने लगे। अष्टावक्र भी जोर जोर स्वयं का उपहास उड़ाते हुए हंसने लगे।
तब जनक ने उनसे पूंछा कि आप क्यों हंसे? तब अष्टावक्र ने कहा यह शरीर मैं नहीं हूँ, इसे ईश्वर ने बनाया है और मुझे इस जन्म में रहने के लिए दिया है। यह मेरा भोग शरीर है। यह जो उपहास उड़ा रहे हैं मेरा नहीं अपितु मुझे बनाने वाले उस परमात्मा का मज़ाक उड़ा रहे हैं। तो मैं क्यों बुरा मानू, वह बुरा माने व इन्हें दण्ड दे जो मेरे इस शरीर का रचना कार है।
मेरे शरीर रूपी घड़े का मैं आत्मा रूपी जल हूँ, इस घड़े का कुम्हार वह परमात्मा है।
बहन, दूसरा कोई तुम्हें न हींन बना सकता है और न ही श्रेष्ठ। तुम्हारे विचार और साधना ही तुम्हे श्रेष्ठ बना सकती है और तुम्हारी सोच ही तुम्हे हीन बना सकती है।
स्वयं की शक्तियों को पहचानो, शरीर की पहचान से ऊपर उठो और अपने आत्मबल से अपना युद्ध लड़ो। बेचारी बनना छोड़ दो, क्योंकि बेचारी वह लड़कियाँ है जिन्हें गुणों व शिक्षा के अभाव में शरीर को सजा धजा कर लोगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करना पड़ रहा है, यह लड़कियां अपना यह जन्म भी बर्बाद करेंगी आगे विवाह व घर गृहस्थी में दिक्कत होगी। अपना अगला जन्म भी बर्बाद करेंगी। उन पर दया करो व उनकी आत्म दरिद्रता को समझो।
💐श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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