प्रश्न - आज़कल बच्चों पर पढ़ाई का लोड बहुत ज्यादा है? ब्रेन की परफॉर्मेंस बढाने के लिए व जल्दी ब्रेन डेटा प्रोसेस करे और मेमोरी पॉवर बढ़े, इसके लिए ऐसे में कम समय में बच्चे क्या करें? बच्चों को सपोर्ट करने के लिए माता पिता क्या करें?
उत्तर - आग जलने के लिए ऑक्सीजन जिस प्रकार चाहिए, वैसे ही ब्रेन को एक्टिव रहने के लिए ऑक्सीजन चाहिए।
एक मोमबत्ती कम ऑक्सीजन में जल सकती है, लेक़िन उत्सव या बड़े कार्य हेतु अधिक अग्नि चाहिए तो ढेर सारा ऑक्सीजन व ईंधन चाहिए।
नॉर्मल श्वांस न्यूज पेपर पढ़ने व दैनिक पढ़ाई कार्य के लिए पर्याप्त है, लेकिन यदि कम्पटीशन और एग्जाम की तैयारी करनी है तो ब्रेन को ऑक्सीजन सप्पलाई प्राणायाम द्वारा बढ़ानी होगी। ब्रेन की सर्विसिंग मेडिटेशन(ध्यान) से करनी होगी। ब्रेन को एनरज़ाइज (ऊर्जा उद्दीपन) देने हेतु ग़ायत्री मन्त्र जपना होगा।
अतः बच्चे को निम्नलिखित कार्य ब्रेन की परफॉर्मेंस बढाने के लिए व जल्दी ब्रेन डेटा प्रोसेस करने के लिए और मेमोरी पॉवर बढाने के लिए स्वयं करना होगा:-
1- दोनो हाथ से मन्त्र लेखन बारी बारी 6 ग़ायत्री मन्त्र दाहिने हाथ से व पाँच ग़ायत्री मन्त्र बाएं हाथ से लिखना है। इससे राइट और लेफ्ट ब्रेन बेस्ट संतुलित (Sync) होते हैं। उस मन्त्रलेखन को तकिए के नीचे रख दें। जब सोए उसी पर सोए।
2- बुद्धि में लय बद्धता हेतु 11 बार अनुलोम विलोम प्राणायाम करें
3- ब्रेन की स्पीड बढाने के लिए 11 बार गणेश योग (सुपर ब्रेन योग)
उगते सूर्य का ध्यान यह बच्चे को करना होगा
4- कम से कम दिन में 108 बार ग़ायत्री मन्त्र जपें। इसे पढ़ाई शुरू करने से पहले। या बीच बीच मे ब्रेक के समय भी कर सकते हैं।
क्योंकि यदि ऑक्सीजन ब्रेन में समुचित नहीं पहुंचेगा तो ब्रेन की स्पीड नहीं बढ़ेगी।
पढ़ाई के लिए ब्रेन का एक्टिव रहना और उसका पढ़ा हुआ डेटा फ़ास्ट प्रोसेस करना जरूरी है
माता पिता बच्चे की पढ़ाई में सहयोग हेतु:-
1- घर मे तेज आवाज़ में बात न करें, टीवी मोबाइल तेज आवाज में न चलाये। फोन पर जोर जोर बात न करें, बच्चा पढ़ रहा हो या सो रहा हो तो उससे दूर जाकर फोन पर बात करें।
2- बच्चे को जब भी भोजन या कुछ पीने को दें एक बार ग़ायत्री मन्त्र पढ़कर दें, जिससे भोजन की ऊर्जा बढ़ जाये।
3- नित्य यज्ञ में इन मंत्रों की तीन तीन आहुतियां सम्मिलित कर दें
ॐ भूर्भुवः स्व: ह्रीं ह्रीं ह्रीं तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योन: प्रचोदयात ह्रीं ह्रीं ह्रीं ॐ, स्वाहा इदं सरस्वत्यै इदं न मम
ॐ जूँ स: माम् सन्तान भाग्योदयं कुरु कुरु स: जूँ ॐ स्वाहा इदम शिवाय इदं न मम
4- नित्य ग़ायत्री मन्त्र साधना के साथ साथ निम्नलिखित मन्त्र की एक-एक माला नित्य करने पर भी लाभ होगा। बच्चों के उज्ज्वल भविष्य हेतु प्रार्थना करें।
ॐ भूर्भुवः स्व: ह्रीं ह्रीं ह्रीं तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योन: प्रचोदयात ह्रीं ह्रीं ह्रीं ॐ
ॐ जूँ स: माम् सन्तान भाग्योदयं कुरु कुरु स: जूँ ॐ
5- माता पिता व्यर्थ की घर मे बच्चे को लेकर चिंता न करें अन्यथा घर की ऊर्जा चिंता से भरेगी व बच्चे की पढ़ाई को प्रभावित करेगी।
6- माता पिता बच्चे के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए मन ही मन भावना करें कि बच्चा सफल अवश्य होगा।
7- घर मे प्रशन्नता के साथ साथ एक दूसरे को सम्मान व एक दूसरे का ख़याल रखें। मग़र साथ ही एक दूसरे से चिपके नहीं अपितु उन्हें उनके हिसाब से रहने दें, थोड़ा स्पेस भी दें।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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