Thursday 28 April 2022

कविता - बेटियों को आगे बढ़ने के अवसर दो....

 बेटियों को आगे बढ़ने के अवसर दो....


बेटियाँ भी उसी गर्भ से जन्मती हैं,

जहां से बेटे जन्मते हैं,

फ़िर क्यूँ भेदभाव करते हो?

क्यूँ बेटियों के जन्म पर मातम करते हो?


इन्हें भी दर्द होता है,

इनमें भी अरमान होते हैं,

इन्हें दहेज की बलि पर मत चढ़ाओ,

इन्हें भी कुछ कर गुजरने का अवसर दो...


पंखों पर इनके उम्मीदों के भार न डालो,

उड़ने दो.. इन्हें भी स्वच्छंद आसमान में,

पैरों में समाज की बेड़ियां न डालो,

दौड़ने दो.. इन्हें भी रेस के मैदान में...


जबरन विवाह की बलि पर.. इन्हें कुर्बान मत करो,

इन्हें योग्य बनाकर स्वयं वर चुनने दो,

तुम्हारी बेटियां भी तुम्हारा नाम रौशन करेंगी,

उन्हें बस योद्धा बनने दो...उन्हें आगे बढ़ने के अवसर दो..


लेखिका - श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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