एकता की शक्ति समझो,
बड़े समूह में रहो,
एक सी विचारधारा चुनो,
समूह की शक्ति से जुडो..
झाड़ू कहती है
एकता में शक्ति है,
इसे मत भूलो,
यदि एकता के सूत्र में बंधे रहोगे,
कचरा साफ करोगे,
यदि एकता टूट गयी तो,
कचरा बनकर रह जाओगे..
सरसों कहती है,
एकता में शक्ति है,
संगठित होंगे तो ही,
भीतर की शक्ति से परिचित होंगे,
स्वयं के भीतर छिपा तेल निकाल सकोगे...
रुई में लग उसे जला सकोगे,
ऊर्जा का ईंधन बन सकोगे,
यदि एकता टूट गयी तो,
खुद का अस्तित्व भी ढूढ़ न सकोगे...
पशुओं के झुंड कहते हैं,
एकता में ही शक्ति है,
संगठित होंगे तो ही,
जंगल मे भी मङ्गल मना सकोगे,
शिकारी सिंह हो तो उसे भी.. खदेड़ सकोगे,
यदि एकता टूट गयीं तो,
खुद शिकार बन जाओगे..
श्वेता अनुरोध करती है,
एकता के बल को समझो,
किसी न किसी बड़े समूह से जुडो,
या खुद नेतृत्व कर बड़ा समूह बनाओ,
तुम्हारी अकेली आवाज़ कहीं नहीं पहुंचेगी,
मगर सामूहिक आवाज़ सड़क से संसद तक पहुंचेगी,
मनचाहा बदलाव लाएगी...परिवर्तन का आगाज करेगी..
लेखिका - श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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