प्रश्न - आपको नहीं लगता इस दुनियां में अच्छे व भले लोगों की कमी हो गयी है? अच्छे इंसान ढूंढने से भी नहीं मिलते?
उत्तर- जब हम किसी की ओर उंगली दिखाते हुए उसकी गलती गिनाते है तब एक उंगली उसकी ओर और तीन खुद की ओर होती है।
क्या तुम्हें देखकर कोई यह कह सकता है, संसार में एक तो अच्छा व सच्चा इंसान मिला...
यदि हाँ, तो दुनियां में अच्छे लोग आज भी हैं। आपके पास आकर लोगों के अच्छे इंसान की तलाश पूरी हो रही है।
यदि हम परिवर्तन चाहते हैं तो परिवर्तन का हिस्सा हमें स्वयं बनना पड़ेगा।
मग़र समस्या यह है कि लोग परिवर्तन चाहते तो है मगर उसकी जिम्मेदारी दुसरो के कंधे पर डालते हैं।
लोग विवेकानंद, भगत सिंह, लक्ष्मीबाई और सुभाष चन्द्र का जन्म तो चाहते हैं मगर पड़ोसी के घर जो देशहित जान निछावर कर दें और कठिन मार्ग पर अनवरत चले...
खुद के घर तो घर गृहस्थी सम्हालने वाले व कमाने वाले बच्चे चाहिए.. उनके जीवन मे कोई चैलेंज नहीं चाहिए, उनका जीवन तो आसान सुख चैन भरा चाहिए...
दीप से दीप जलता है, हम और तुम, साथ ही यह पोस्ट पढ़ने वाले खुद सङ्कल्प ले सकते हैं कि जब तक हम लोग जिंदा है कोई यह नहीं कह सकता कि दुनियां में अच्छे लोगो की कमी है और ढूंढने से नहीं मिल रहे। हम सबके पास आकर लोगो को अच्छे लोग मिल जाये, हमसे प्रभावित व प्रेरित होकर दूसरे भी अच्छे बने।
हम सब कुछ न कुछ अच्छा करे, सबके भले के लिए प्रयास अवश्य करें।
आपकी बहन
श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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