प्रश्न - क्या पत्नी को पति के पैर छूने चाहिए? क्या स्त्री की ही पैर छूने के लिए बाध्यता है?
उत्तर- हमारी संस्कृति में जो उम्र व अनुभव में बड़ा होता है, उसके पैर छुए जाते हैं। बड़ी बहन का छोटी बहन पैर छूती है बड़े भाई का छोटे भाई पैर छूते है। बड़ो का घर में सम्मान और छोटो को प्यार व आशीर्वाद यह संस्कृति है।
पति परमेश्वर है तो पत्नी भी परमेश्वरी है, पति नारायण है तो पत्नी भी लक्ष्मी है। मात्र जेंडर के आधार पर पैर नहीं छुआ जाता। योग्यता व उम्र को आधार मानकर श्रद्धा से पैर छुए जाते हैं।
यदि पति उम्र में बड़ा है तो पत्नी पैर छुए व यदि पत्नी उम्र में बड़ी है तो पति को उसका पैर छूना चाहिए।
यदि कोई किसी का पैर न छूना चाहे तो कोई बाध्यता नहीं है।
पैर छूने के आध्यात्मिक वैज्ञानिक लाभ :-
1- वैज्ञानिकों की मानें तो इंसान के शरीर के चारों तरफ एक आभामंडल यानी aura होता है। पैर छूने से उसके औरा से आप कनेक्ट होते हैं।
2- हमारे विचारों और व्यव्हार के बदलने पर हमारे शरीर का आभामंडल भी बदलता है।
3- जब हम किसी के पैर छूते हैं तो वह किसी के प्रति समर्पण और विनीत के भाव को दर्शाता है।
4- किसी के पैर छूने पर तुरंत मनोवैज्ञानिक असर ( Psychological effect ) पड़ता है।
5- इस मनोवैज्ञानिक असर से हमारे अंदर प्रेम, आशीर्वाद और संवेदना का आभास होता है।
6- आशीर्वाद लेने वाले व्यक्ति पर यह असर विज्ञान ही है।
7- बड़े-बुजुगों के आशीर्वाद हमारे सौभाग्य को अच्छा बनाने में मदद करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, बड़ों को नियमित प्रणाम करने से आयु, विद्या, यश, बल बढ़ता है।
8- किसी बड़े और अपने प्रिय के पैर छूने से नकारात्मक सोच-विचारों से मुक्ति मिलती है।
9- पैर छूने वाले व्यक्ति को एक बात ध्यान देनी चाहिए कि जिसके पैर आप छूते हैं उनका आचार-व्यवहार, आचरण अच्छा होना चाहिए।
10- बता दें कि व्यक्ति अगर दुष्प्रवृत्ति का है तो उसका पैर छूने से लाभ नहीं मिलता।
जिनका आप हृदय से सम्मान नहीं करते या जो दुष्ट प्रवृत्ति हो उनका पैर न छुएं। हाथ से नमस्कार करना उत्तम है।
अच्छे व्यक्ति के पैर छूने से अच्छे गुण और बुरे व्यक्ति के पैर छूने से बुरे गुण से सम्पर्क बनता है। अतः सावधानी अनिवार्य है।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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