स्वयं की कार्यक्षमता बढ़ाने
और जीवन में आनन्द भरने का आत्म प्रार्थना गीत...
मैं जिंदा हूँ जीवनीशक्ति से भरा हूँ,
खुशियों के रस में डूबा हूँ,
मैं आनन्द से सराबोर हूँ,
हाँ मैं स्वस्थ हूँ , जीवनीशक्ति से भरा हूँ..
मेरे पास आंखे है, इसमें रौशनी है,
मैं दुनियां देख सकता हूँ,
रँग बिरंगे फूलों का आनन्द ले सकता हूँ..
हाँ मैं स्वस्थ हूँ , जीवनीशक्ति से भरा हूँ..
मेरे कान मधुर सङ्गीत सुन सकते हैं,
मैं मधुर गीत गा सकता हूँ,
मेरे हाथ कुछ भी कर सकते हैं,
मैं जहाँ चाहूं वहां पैरों से जा सकता हूँ..
हाँ मैं तो हृष्ट पुष्ट स्वस्थ हूँ, जीवनीशक्ति भरा हूँ..
मेरे पास प्रखर बुद्धि है, मेरे पास सद्बुद्धि है..
मेरा रक्त ऊर्जा से भरा है,
मेरी मांसपेशियों में प्राण संचार है,
मेरा हृदय आनन्द से भरा है,
हाँ मैं स्वस्थ हूँ , जीवनीशक्ति से भरा हूँ..
मैं ईश्वर का अंश हूँ, मैं तो वही हूँ,
उस ईश्वर के समस्त गुण मुझमें हैं,
मुझमें नर से नारायण बनने की असीम संभावना है,
मैं प्राणवान सुखस्वरूप दुःखनाशक हूँ,
मैं ही श्रेष्ठ दैवीय गुणों से युक्त आत्मा हूँ,
मैं जो चाहे वह हासिल कर सकता हूँ,
मुझमें अदम्य साहस और पुरुषार्थ है,
हाँ मैं स्वस्थ हूँ , जीवनीशक्ति से भरा हूँ..
💐श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
नित्य सुबह दर्पण देखते हुए और स्वयं की आंखों में आंख डालकर आत्मविश्वास के साथ यह आत्म प्रार्थना 40 दिनों तक करें, साथ ही सोने से पूर्व भी मन ही मन इसे लेटकर भी दोहराएं। इसके बाद हुए आपमे सकारात्मक परिवर्तन को मुझे 9810893335 पर बताएं। आपको लाभ हो तो दूसरों को भी फारवर्ड करें।
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