श्रावणी स्नान समय - ब्रह्मुहूर्त - सूर्योदय से पहले। तीर्थ नदी में या घर में निम्नलिखित विधि से..
जाने-अंजाने में हुई गलतियां के पापों से मुक्ति के लिए दस स्नान निम्नलिखित इन 10 चीजों से करे स्नान करें- मिट्टी, गाय का गोबर, गाय का दूध, गाय का घी, गाय का पंचगव्य, भस्म, अपामार्ग, कुशा+दूर्वा, शहद एवं गंगाजल आदि 10 पदार्थो से स्नान किया जाता है। आयुर्वेद में मृतिका, भस्म, गोमय, कुशा, दूर्वा आदि सभी स्वास्थ्यवर्द्धक एवं रोगनाशक मानी गई है।
स्नान के वक्त निम्नलिखित मन्त्र पढ़े :-
स्नान मंत्र - गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति।। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।
कहा जाता है इस मंत्र का जाप नहाते समय करना चाहिए और इस मंत्र का अर्थ ये है कि, ''हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी नदियों! मेरे स्नान करने के इस जल में आप सभी पधारिए।''
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