Wednesday 13 July 2022

प्रश्न - स्त्रियों के ग़ायत्री जप व जनेऊ सम्बन्धी...

 प्रश्न - स्त्रियों के ग़ायत्री जप व जनेऊ सम्बन्धी...


1 *जनेऊ पहनी है क्या? यदि नहीं तो बिना जनेऊ धारण किए गायत्री मंत्र जाप शास्त्र सम्मत नही है*


2 *यदि हां,तो महिलाओं  को जनेऊ पहनने का हक नही है।*


सनातन संस्कृति में जनेऊ अर्थात यज्ञोपवीत को गुरुदीक्षा के बाद धारण किया जाता है। यह वस्तुत शरीर रूपी मंदिर में ईश्वर की धागा रूपी प्रतिमा होती है - इसमें मुख्य तीन धागे सृजन शक्ति-पालन शक्ति-विध्वंस शक्ति क्रमशः ब्रह्मा विष्णु महेश के प्रतीक है। यह साकार पूजन में सहायक है। 


कुंवारा पुरुष व स्त्री केवल एक धारण करते हैं, हिन्दू धर्म मे विवाह के पश्चात स्त्री-पुरुष को एक माना गया है। स्त्री का जनेऊ पुरुष अपने जनेऊ के साथ मिला कर डबल पहनता है। 


जैसे ईश्वर की मूर्ति के साथ पूजन होता है और ईश्वर का निराकार पूजन भी होता है। वैसे ही जनेऊ धारण करके साकार ग़ायत्री साधना और बिना जनेऊ के निराकार ग़ायत्री साधना की जा सकती है।


शिखा शरीर रूपी मंदिर का ध्वज है और जनेऊ शरीर रूपी मंदिर की प्रतिमा होती है। इनके साथ साधना आसान व साकार होती है, इनके बिना साधना पथ थोड़ा कठिन व निराकार होता है।


यदि आपने शास्त्रों का गहन अध्ययन किया होता तो आप यह प्रश्न ही नहीं पूँछते, क्योंकि सनातन धर्म में साधना मार्ग स्त्री व पुरूष दोनो के लिए समान उपलब्ध है।


ग़ायत्री जप व जनेऊ का हक देने वाले व हक न देने वाले आप कौन हैं? माँ रूपी स्त्री के रक्त मांस मज्जा से आपका शरीर बना है? आप ग़ायत्री जप सकते हैं व आपको जन्म देने वाली माता नहीं जप सकती? किस आधार पर बता सकते हो?


अरे भाई वेदों और पुराणों में कई मन्त्र की दृष्टा स्त्री है, देवियों लक्ष्मी सरस्वती काली ग़ायत्री सब स्त्री मातृ शक्ति की प्रतीक ही तो हैं।


ग़ायत्री साधना में नियम व विधिविधान थोड़े कठिन है व कुछ साधनाएं जैसे चन्द्रायण इत्यादि कठिन है बिल्कुल वैसे ही जैसे सेना के कार्य हों। लेकिन क्या सेना में स्त्रियां नहीं है? वह क्या जल-थल-वायु सेना का अंग नहीं है? जो थोड़े विधिविधान पालन कर सके, प्रत्येक उस स्त्री को ग़ायत्री साधना अवश्य करनी चाहिए। ग़ायत्री मन्त्र कलियुग की कामधेनु है, जो सांसारिक व आध्यात्मिक दोनो लाभ देता है। बुद्धि का विकास करता है।


पढ़ाई व जॉब कठिन है तो क्या स्त्रियों को पढ़ाई व जॉब से वंचित रखना चाहिए? नहीं न... पढ़ाई व जॉब जैसे स्त्री पुरुष दोनों के लिए है...वैसे ही ग़ायत्री साधना सबके लिए है...


💐श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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