प्रश्न- *कोई पैसा लेकर न लौटाए तो क्या करें?*
दीदी प्रणाम🙏
अभी तक मेरे साथ जो दिक्कत आई है हम आप से बोले है और उसका सॉल्व भी हुआ हैं.. दीदी हा से कोई चालकी कर के पैसे लिया हैं 30000 और वो अब दे नही रहा हैं और अभी मुझे भी उन पैसों का बहुत जरूरत हैं वो परेशान कर के रखा हैं अकलि लड़की सोच कर.. दीदी मुझे कुछ बताइये क्या करे...
उत्तर - आत्मीय बहन, तुम अपना प्रयास पैसा वापस पाने का करो, यदि पैसा वापस न मिले तो उसे भूलकर आगे बढ़ो। वह इस जन्म में लौटाए या अगले जन्म में...लौटाना तो उसे पड़ेगा...
किंतु आप उस पैसे के चक्कर मे स्वयं को टेंशन व फ्रस्ट्रेशन में मत डालो..
हमारे भी कई बार पैसे डूबे हैं लोगो ने लिया और लौटाया नहीं... जबकि उस समय मुझे उन पैसों की शख्त जरूरत थी.. लेक़िन हम उन पैसों को वापस पाने का प्रयास किये, न मिलने पर उसे ईश्वर की इच्छा और प्रारब्ध समझ के भूल गए..
जिंदगी में आगे बढ़ गए, क्योंकि मेरा जीवन समय और मेरा मन बहुत कीमती है.. उस व्यक्ति के कुकृत्य व धोखे को याद करके अपना अमूल्य समय व जीवन क्यों बर्बाद करूं? इससे अच्छा है इस समय का कहीं और सदुपयोग करूँ...
कोई लुटेरा हमारे कुछ पैसे एक बार लूट सकता है, लेकिन वह हमारे कमाने का हुनर, ज्ञान व व्यक्तित्व नहीं चुरा सकता... हम सभी को ऐसे लुटेरों और धोखेबाज से सावधान रहने की आवश्यकता है...लेक़िन इनकी दुष्टता का दंड दूसरे जरूरतमंद को नहीं देना है..अपनी भलाई व अच्छाई को बरकरार रखना है..
मदद बरगद के पेड़ की तरह दूसरे की करें, स्वयं के अस्तित्व व जीवन को मजबूत रखने के लिए कई जड़े जमीन पर अर्थात आर्थिक व्यवस्था रखें....पास कोई आये मदद मांगने तो उसे छाया अवश्य दें, उसकी मदद अवश्य करें...मग़र अपनी जड़ न उखड़ने दें...अपनी आर्थिक स्थिति को पूरा डिस्टर्ब न करें... आपको मदद करनी है... आपको मदद मांगने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए...आप कीमती है.. आपका समय कीमती है..आपका व्यक्तित्व शानदार है... खूब कमाइए और स्वयं के जीवन को बेहतर बनाइये... मदद देवता बनकर करते रहिए... कहीं ज्ञानदान कीजिये, कहीं समयदान कीजिए और कहीं अंशदान कीजिये...
किसी की मदद करने से पहले स्वयं से दो प्रश्न पूँछिये ...
पहला - यदि यह अहसान फरामोश निकला और मेरे पैसे न लौटाए तो क्या होगा?
दूसरा - यदि यह अच्छा व्यक्ति निकला और मेरे पैसे लौटाए और मेरा अहसानमंद रहा तो क्या होगा?
यदि दोनो परिस्थितियों में आप की सत्ता नहीं हिलती और आप अच्छे व बुरे परिणाम झेल सकते हैं। तभी जानिए कि आप गुरु के सच्चे शिध्य हैं और आप जीवन जीने की कला जानते हैं।
पहले शुरुआत में मेरी मात्र 12 हज़ार सैलरी थी, एक ऑफिस के बंदे ने उसके बच्चे के एक्सीडेंट होने की बात कही और हमने बचत और वर्तमान महीने की सैलरी कुल मिलाकर 25 हज़ार रुपये उसे दे दिए। सोचो बिन पैसे हमने कैसे मैनेज किया होगा कितनी परेशानी झेली होगी, उस बंदे ने छः महीने बाद कम्पनी चेंज कर दी और आजतक पैसा नहीं लौटाया।
अतः दुष्ट अहसान फरामोश व्यक्ति सबके जीवन मे आते हैं, लेकिन इस दुष्ट की दुष्टता को याद करके हमने अपना दिमाग़ खराब नहीं किया और न मदद करनी बन्द की...
क्योंकि बुरे और अच्छे दोनो लोग इस दुनियां में है। कई ऐसे है जिनकी हमने मदद की तो वह पैसे भी लौटाये और आजतक अहसान मानते हैं...
कई ऐसे हैं जिनके परिवार जन को मौत के मुंह से निकाला, डॉक्टर हॉस्पिटल और क्रेडिट कार्ड तक से पैसे दिए। वह अहसान तो मानते नहीं अपितु पीठ पीछे मेरी बुराई भी करते हैं।
यह दुनियां रँग बिरंगी हैं, अतः अच्छे बुरे दोनो तरह के लोग मिलेंगे।
हमें दोनो को हैंडल करना आना चाहिए, स्वयं के जीवन का रिमोट दूसरे के हाथ मे न दें। दूसरे की गई दुष्टता का दंड स्वयं को या दूसरे को न दें... उस बात को वहीं छोड़े और आगे बढ़े...
गाड़ी खराब हो जाए रास्ते में.. तो कोई सफ़र बन्द नहीं करता.. गाड़ी ठीक करके आगे बढ़ता है.. न ठीक होने पर गाड़ी छोड़ देता है हानि उठाके बेंच देता है, दूसरी गाड़ी किराए पर लेकर सफर में आगे बढ़ जाता है। जीवन का सफर भी ऐसा ही है, दुष्ट कृतघ्न लोगों की दुष्टता के कारण सफर मत रोको, आगे बढ़ो। वह तुम्हें एक बार लूट सकते हैं.. बार बार नहीं..
तुम्हारे ज्ञान , व्यक्तित्व व कमाने का हुनर कोई लूट नहीं सकता। तुम आगे बढ़ो..
आपकी बहन
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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