सुख वह पल है,
जिसे दिल पाना चाहे,
पर वह बड़ी जल्दी चला जाये...
दुःख वह पल है,
जिससे दिल कभी न चाहे,
वह जीवन में यूं ही चला आये...
हमारे चाहने से,
न दुःख जाता है,
न सुख आता है..
हमारे न चाहने पर,
न सुख ठहरता है,
न दुःख सिमटता है...
जब जिस पर हमारा ज़ोर नहीं,
उसके बारे में क्या सोचना व क्यों सोचना?
कहती है 'श्वेता' हे मन!
सुख व दुःख में सदा एकरस रहना,
जीवन जीने की कला सीखते रहना,
हर पल को बस जी भर जीना,
हर पल में गाते गुनगुनाते रहना...
💐श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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