Wednesday 10 August 2022

कविता - भाई बहन का पर्व है रक्षाबंधन

 भाई बहन का पर्व है रक्षाबंधन,

सच्ची मित्रता का पर्व है रक्षाबंधन,

बहन का सच्चा मित्र है भाई,

भाई की सच्ची मित्र है बहन,

एक दूसरे से छोटी छोटी बातों पर लड़े हैं,

फिर भी मदद को एक दूसरे के साथ हर वक्त खड़े हैं,

शिकायतें एक दूसरे से हज़ार है,

फ़िर भी दिल में एक दूसरे के लिए ढेर सारा प्यार है,

कोई बहन पास तो कोई मीलों दूर है,

फ़िर भी आज के दिन सब दिल के क़रीब है,

कलाई पर जिनके आज बंधी राखी है,

वह बहुत सौभाग्यशाली व ख़ुशनशीब हैं,

सनातन धर्म संस्कृति की यही तो खूबसूरती है,

जो त्योहारों के माध्यम से,

हर रिश्तों को बड़ी खूबी से जोड़ती है,

आपकी बहनों की सूची में,

अब श्वेता चक्रवर्ती भी है,

जो आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए,

भगवान से प्रार्थना करती रहती है,

आपके लिए यह रक्षाबंधन पर कविता लिखी है,

भाई बहन के अटूट बंधन की कड़ी लिखी है।


आपकी बहन 

श्वेता चक्रवर्ती

No comments:

Post a Comment

प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?

 प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद...