To overcome tension - Think on paper
तनाव से बाहर आने के लिए तनाव के विचारों को पेपर पर लिखकर सोचो
एक स्वस्थ और सफल व्यक्ति के दिमाग की 24 घण्टे की उसके दिमाग मे उठ रहे विचारों की रिकॉर्डिंग करके सुनाया जाय तो सब उसे पागल कह देंगे।
पागल व्यक्ति बस मन की बकबक को मुंह से सुना देता है, और जो पागल नहीं है वह उन विचारों को दिमाग में तो चलाता है मगर मुंह से बाहर नहीं बोलता।
जब दिमाग में अनियंत्रित विचारों का पागलपन चल रहा हो तो व्यक्ति का तनावग्रस्त होना आम बात है।
फिर क्या करें -
1- नेत्रबन्द कर यूट्यूब पर गायत्री मंत्र किसी अच्छी आवाज़ में चलाकर 5 मिनट गहराई से सुनें।
2- कम से कम 5 बार लंबी गहरी स्वांस नाक से लें और मुंह से छोड़े।
3- पेन कॉपी उठाएं और सोचें कि कौन से विचार तनाव दे रहे हैं, उसे लिख डाले।
4- जो विचार मन को तनाव दे रहा है इसका अर्थ यह है कि वह जीवन में अभी घटा नहीं है। कल्पना में भय तभी है जब हक़ीक़त में वह नहीं हुआ है।
उदाहरण - विद्यार्थी का एग्जाम के बाद रिजल्ट हेतु टेंशन लेना
जॉब व्यवसाय वालों का किसी कार्य के परिणाम को लेकर टेंशन लेना
5- विद्यार्थी/जॉब-व्यवसायी के रिजल्ट के तीन परिणाम हो सकते हैं - एक वह जो जैसा चाहता है, दूसरा ठीक ठाक और तीसरा फेल होना
6- अब विद्यार्थी/जॉब-व्यवसायी यदि हिम्मद करके तीनो कंडीशन में करना क्या है? मेरा प्लान ऑफ एक्शन क्या होगा। पेपर में लिख के दिमाग मे क्लियर कर ले तो तनाव खत्म हो जाएगा।
प्लान ऑफ एक्शन का उदाहरण -
मेरे हिसाब से जैसा मैं चाहता हूँ यदि वह रिजल्ट आया तो मैं अमुक कार्य करुंगा।
यदि ठीक ठाक एवरेज परिणाम आया तो मैं मेरा प्लान ऑफ एक्शन अमुक होगा।
यदि फेल हुआ तो किससे कितनी बार सॉरी बोलना है, किससे पीटना है, किससे कितनी गाली मिल सकती है,लेखा जोखा बना लिया। अब नई शुरुआत बड़े स्तर पर कैसे करनी है, उन भूलो को कैसे ठीक करना है और आगे कैसे बढ़ना है, उसे लिख लो।
खिलाड़ी एक मैच हारता है तो दूसरे मैच की तैयारी दुगुनी मेहनत करके जितने की कोशिश करता है। ऐसे ही एक एग्जाम फेल हुआ तो पुनः एग्जाम की तैयारी में डबल कोशिश लगा दो। यदि ट्रैक बदल कर कुछ और करना है तो उसकी प्लानिंग कर लो।
Show must go on - जीवन चलते रहना चाहिए, उतार चढ़ाव तो आता रहेगा।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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