*किसी भी त्यौहार के अवसर पर मुस्कराहट की कीमत*
😇इससे खर्च एक पैसा भी नहीं होता, बेशुमार सम्पत्ति मिलती है । जिन्हें यह मिलती है, वे तो मालामाल हो जाते हैं, लेकिन जो इसे देते हैं, वे भी गरीब नहीं होते । यह एक क्षण में ही प्राप्त हो सकती है, लेकिन इसका स्मरण स्थायी होता है।
😇कोई भी इतना गरीब नहीं हो सकता, जो इसका लाभ न उठा सके और कोई भी इतना अमीर नहीं हो सकता, जो इसके बिना जीवन जी सके ।
😇 यह व्यापार में सद्भावना भरती है, घर को सुख से भर देती है और यही सच्ची दोस्ती की पहचान है ।
😇यह निराश व्यक्तियों के लिए आशा की एक किरण है, थके हुए लोगों के लिए छायादार पेड़ है, दुःखीजनों के लिए सूर्य का प्रकाश है तथा दुखियों के लिए तो यह प्रकृति का सबसे अनमोल पुरस्कार है । लेकिन इसे न तो खरीदा जा सकता है और न ही कोई इसे बेचने वाला है ।
😇यह भीख में भी नहीं मिलती, क्योंकि तब तक इसका कोई मोल नहीं है, जब तक यह किसी दूसरे के साथ न बांटी जाये ।
😇 त्योहार की अपार भीड़ में यदि हमारे सेल्समैन कुछ अधिक ही थके हुए हों, तो क्यों न आप उन्हें मुस्कराहट देकर उनकी कुछ थकान दूर कर दे।
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