तुम्हारे रुकने से,
दुनियां नहीं रुकती,
तुम्हारे ठहरने से,
दुनियां नहीं ठहरती...
यदि तुम आगे नहीं बढ़ रहे,
तो समझो तुम उन सबसे पीछे हो रहे हो,
जो अनवरत चल रहे हैं,
कुछ न कुछ नित्य बेहतर कर रहे हैं...
मंज़िल बड़ी हो या छोटी,
छोटे छोटे कदमों से अनवरत चलकर मिल ही जाती है,
दिशा सही हो, नीयत सही हो,
मेहनत अपना रंग जरूर दिखाती है...
जीवन में सफलता के लिए,
जड़ विज्ञान का तेज़ वाहन भी चाहिए,
चैतन्य अंतरात्मा द्वारा दिखाई सही दिशा धारा भी चाहिए,
अन्यथा बिन चैतन्यता के ग़लत मंजिल पर जल्दी पहुंच जाओगे,
सिर धुनोगे और बहुत पछताओगे....
जीवन की सफलता की दो कुंजी है जान लो,
एक पुरुषार्थ और दूसरा अध्यात्म ज्ञान मान लो,
जब अध्यात्म और पुरुषार्थ दोनों का जीवन मे समावेश होगा,
तभी उज्ज्वल भविष्य का सपना आपका साकार होगा...
💐लेखिका - श्वेता चक्रवर्ती
अखिल विश्व गायत्री परिवार, गुड़गांव, हरियाणा, भारत
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