विषय - युग साहित्य की बढ़ी हुई कीमत,
आत्मीय भाइयों एवं बहनों,
आप सभी को सादर प्रणाम
युग साहित्य और मंत्र लेखन की बढ़ी हुई कीमत से काफ़ी परिजन व्यथित हैं, किंतु उनके उत्साह और उमंग में कमी नहीं आई है।
भाईयो बहनों यदि आप किसी प्रिटिंग प्रेस के बंदे और कागज व्यवसायी से बात करेंगे तो आपको पता चलेगा कि कागज के रिम की कीमत बहुत बढ़ गई है, इसलिए इंक और उससे जुड़े सामान भी महंगे हो गए हैं। अतः गायत्री तपोभूमि मथुरा और युगतीर्थ शांतिकुंज आज भी प्रकाशन के मूल्य पर कोई भी लाभ नहीं ले रहे हैं, जो पुस्तक का प्रिंटिंग खर्च है बस वही किताबों का मूल्य है।
हमने अभी बाहर से दिल्ली से अपनी लिखी दो पुस्तक(यज्ञ विषयक शंका समाधान और गर्भस्थ शिशु की इनर इंजीनियरिंग) प्रिंट करवाई हैं अतः मुझे मार्किट में प्रिंटिंग खर्च कितना चल रहा है पता किया है, बहुत महंगा हो गया है। साथ ही गायत्री परिजन जिनके शहर और ग्राम में प्रिंटिग का काम है उनसे पता किया है, कागज, इंक, पिन, ग्लू इत्यादि सब प्रिटिंग के सामान का मूल्य डबल महंगा हो चुका है। अतः इस सत्य से आपको हम अवगत करवा रहे हैं।
महंगाई आप सब जानते हैं बहुत बढ़ गई है। खाने पीने की वस्तु से लेकर घर के सभी सामानों के बढ़े हुए मूल्य, बस ट्रेन और ऑटो के बढ़े हुए किराए, डीजल पेट्रोल इत्यादि के बढ़े हुए दाम के आप सभी स्वयं साक्षी हैं।
हम सभी क्षेत्रों में कार्य कर रहे भाई बहनों को युग साहित्य विस्तार में नए उत्साह उमंग से तेजी से कार्य करना है। यह अनमोल युग साहित्य खज़ाना घर घर पहुंचाना है। यह मूल्य बढ़ने से व्यथित होने का समय नहीं है, अपितु इस परिवर्तन को स्वीकार करके और अधिक उत्साह उमंग से युग साहित्य विस्तार में काम करने का समय है। आप सभी समझदार हैं, आप सबका गुरु के प्रति श्रद्धा समर्पण हमसे कहीं अधिक है। आप सब ज्ञान के सूर्य हैं और हम आपको दीपक दिखाने की धृष्टता कर रहे हैं। आप सभी समझदार भाई बहनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। उसके लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं।
🙏आपकी बहन
श्वेता चक्रवर्ती
+91 9810893335
गायत्री परिवार, गुरुग्राम, हरियाणा, भारत
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