Thursday 7 December 2023

चिंता, अवसाद, भय, फ़ोबिया को परास्त करने हेतु आत्मविश्वास बढाने का फॉर्मूला

 *चिंता, अवसाद, भय, फ़ोबिया को परास्त करने हेतु आत्मविश्वास बढाने का फॉर्मूला*


आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आप एक लीटर वाली कांच की पारदर्शी बोतल खरीद लें।


सूर्य भगवान को गंगा जल मिलाकर तांबे के लोटे से अर्घ्य दे दो, थोड़ा सा जल अर्घ्य में से बचा लो और उसे कांच की बोतल में डाल दो। साथ ही उसमें सादा जल और एक पत्ता तुलसी का डाल दें। 


उस जल की बोतल को देखते हुए 108 बार गायत्री मंत्र जप और 24 बार महामृत्युंजय मंत्र जपो। यह जल अभिमंत्रित हो गया है। 


ब्राह्मी वटी या सरस्वती पंचक वटी जो भी सहजता से मिल जाये उसे एक महीने तक सुबह शाम एक गोली सुबह और एक गोली शाम इसी अभिमंत्रित जल से सुबह सूर्य का ध्यान करते हुए लें और शाम को पूर्णिमा के चन्द्र का ध्यान करते हुए लें।


एक दिन में उस बोतल को के जल को पीकर बाकी पानी ख़त्म कर दें।


एक कॉपी लें और उसमें अपने भय उतपन्न करने वाले चिंता उतपन्न करने वाले नकारात्मक विचार प्रश्न की तरह लिखें, अब एक वकील की तरह उन भय व चिंता उतपन्न करने वाले विचार के प्रतिउत्तर में सकारात्मक विचार लिखें। अपने मन के भीतर नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचार की दलील से हरा दें। शुरू शुरू में कठिनाई होगी, मगर धीरे धीरे आप अपनी सकारात्मक वक़ालत में जीतने लगेंगे। अपने भय पर विजय प्राप्त कर लेंगे।


रोज़ रात को कोई वीरता बढ़ाने वाली श्रीमद्भगवद्गीता का स्वाध्याय करके सोएं या सत्संग ऑडियो-वीडियो सुनकर सोएं। 


सुबह उठकर निम्नलिखित बात पूरे विश्वास के साथ दोहराएं और इसे अनुभव करें।


1- मैं जीवन युद्ध में अकेला नहीं हूँ मेरे साथ मेरा ईश्वर और मेरा गुरु हर वक्त है। अर्जुन की तरह जीवन के महाभारत में मेरा सारथी ईश्वर साथ है।

2- मैं कर्म करूंगा और फल की चिंता नहीं करूंगा। जो होगा देखा जायेगा।

3- मैं विजेता हूँ मेरा आज का दिन शुभ होगा।

4- ईश्वर ने मुझे जो जीवन दिया है उसके लिए मैं ईश्वर का आभारी हूँ।

5- मैं शरीर नहीं हूँ, मैं मन नहीं हूँ, मैं अजर अमर अविनाशी आत्मा हूँ जो परमात्मा का अंश है। मैं मेरे मन का स्वामी हूँ, आज मैं मेरे मन की निगरानी करूंगा और बेहतर दिन अपना बनाने का प्रयास करुंगा।


उपरोक्त 30 से 40 दिनों तक नित्य करें और अपने बढ़े हुए आत्मविश्वास के साक्षी बनें।


🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती

अखिल विश्व गायत्री परिवार, गुरुग्राम, हरियाणा

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