Sunday 24 December 2023

प्रश्न - सच्चे प्यार, अपनापन, प्रेम व्यापार और औपचारिक प्रेम उदाहरण सहित समझाईये।

 प्रश्न - सच्चे प्यार, अपनापन, प्रेम व्यापार और औपचारिक प्रेम उदाहरण सहित समझाईये।


उत्तर - बाहर से देखने पर सभी एक से प्रतीत होते हैं, किंतु अंतर्दृष्टि से भाव दृष्टि से सभी भिन्न हैं।


*सच्चा प्यार/प्रेम* - जब बिना उम्मीद के किसी के लिए कुछ भी दिल से करने की भावना उतपन्न हो उसे प्यार कहते हैं। इस प्रेम से ही भगवान हो या इंसान बंधन में बन्धते हैं। उदाहरण- मां का अपनी संतान या प्रेमी प्रेमिका का निःश्वार्थ भाव से प्रेम या भक्त - भगवान का प्रेम


*प्रेम का व्यापार* - जब कुछ बदले में पाने की चाह से लेन-देन का हिसाब रखते हुए प्रेम करना, व्यापारिक प्रेम कहलाता है। उदाहरण - लिवइन रिलेशनशिप, वैश्यावृत्ति में मूल्य देकर मिला प्रेम, दो परिवार के लोगों का दहेज लेन देन करके स्वार्थ सिद्धि हेतु दो लोगो का अपनी अपनी इच्छाओं की पूर्ति हेतु विवाह करना और प्रेम करना।


*अपनापन* - जब किसी रिश्ते को अपने से जुड़ा हुआ महसूस करें, किसी के लिए अपना समझ कुछ करें। यहां दूसरों के लिए किया कार्य कभी बोझ नहीं लगता। उदाहरण - सच्ची मित्रता, बहन भाई का प्रेम, बड़ी बहन छोटे भाई को गोद मे लेकर घूमती है तो वह उसे बोझ नहीं लगता।


*फार्मेलिटी/औपचारिकता* - इस में हृदय से कोई अनुभूति/फीलिंग नहीं है, फिर भी कर्तव्य निभाये जा रहे हैं। उदाहरण - रिश्तेदारों की आवभगत, एयरहोस्टेज का यात्रियों का मुस्कुरा के स्वागत, अनचाहे रिश्ते में बंधे पति पत्नी का एक दूसरे का साथ निभाना और साथ रहना। घर में पति पत्नी लड़ते होंगे किंतु पार्टी हो या रिश्तेदारों के फंक्शन एक दूसरे से प्रेम प्रदर्शित करते हैं।


ईश्वर से सच्चा प्रेम कीजिये भक्ति फलित होगी। जीवनसाथी से सच्चा प्रेम कीजिये गृहस्थी फलित होगी।


💐श्वेता चक्रवर्ती

गायत्री परिवार, गुरुग्राम, हरियाणा

No comments:

Post a Comment

प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?

 प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद...