Tuesday 2 January 2024

गुरु की शरण में मुक्ति है मोक्ष है

 *गुरु की शरण में मुक्ति है मोक्ष है*


हे गुरुदेव,


अब न कुछ पाने की चाह है,

अब न कुछ खोने का डर है,

तुम्हारी शरण में मिल गया अब सब कुछ है,

तुम्हारे चरणों में ही मिल गया आनन्द परम आनंद है..


अब न पूर्ण स्वास्थ्य की चाह है,

अब न गम्भीर बीमारी का भय है,

शरीर नश्वर और अब आत्मा ही सब कुछ है,

जीवन जीने की कला तुम्हारी ही शरण है..


अब न जीने की चाह है,

अब न मृत्यु का भय है,

तुम्हारी शरण में मिल गया अब सब कुछ है,

तुम्हारे चरणों में ही मिल गया जीवंत अमरत्व है..


अब न नाम व प्रशंशा पाने की चाह है,

अब न बदनाम होने का भय है,

तुम्हारी शरण में मिल गया अब सब कुछ है,

तुम्हारे शिष्य बनने का सुख ही सर्वोत्तम है..


जब तक श्वांस है,

तुम्हारे निमित्त बनकर अब हर कर्म है,

अब तुम्हें समर्पित यह जीवन है,

शिष्यों$म का भाव ही अब मुक्ति है मोक्ष है...


विचारक्रांति, गुरुग्राम गायत्री परिवार

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