***जीवन एक संग्राम है***
जीवन एक संग्राम है,
यहां आराम हराम है,
प्रतिपल सतर्कता अनिवार्य है,
यहां संगठन अनुशासन अनिवार्य है...
सावधानी हटने से,
दुर्घटना घट जाएगी,
जीवन की पटरी से,
गाड़ी उतर जाएगी...
स्वाद संयम यदि बिगड़ गया,
ध्यान योग यदि नियमित न रहा,
रोग दुर्गुण से शरीर भर जाएगा,
जीवन से जीवंतता बिखर जायेगा...
यह युद्ध देवत्व और असुरत्व का है,
युद्ध भीतर उठ रही विचारधारा का है,
कोई बाहर से प्रलोभन जब देगा,
उस प्रलोभन का अस्वीकरण मनोबल से ही हो सकेगा..
युद्ध प्रतिपल चल रहा है,
टीवी विज्ञापन सोशल मीडिया में,
असुरत्व विचारधारा हावी है,
असुरत्व का सर्वत्र मायाजाल है,
क्या ज्ञान की मशाल हमारे पास है?
क्या तपवल ज्ञानबल हमारे पास है?
युद्ध को जीतना है तो तैयारी करो,
चैतन्य होशपूर्वक रहने का अभ्यास करो,
नित्य स्वाध्याय करके ज्ञान की मशाल प्रज्वलित करो,
इस युद्ध को अपने ज्ञानबल तपबल से नित्य जीतते रहो..
इस युद्ध में कभी विराम न होगा,
जब तक सांस है तब तक लड़ना पड़ेगा,
योगी योद्धा हम सबको बनना पड़ेगा,
सृजन सैनिक बन अनवरत लड़ना पड़ेगा...
* विचारक्रांति, गायत्री परिवार गुरुग्राम हरियाणा
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