**स्वयं में देवत्व जगा के धरती को स्वर्ग सा सुंदर बनाओ**
दृश्य का महत्त्व तभी है,
जब मनुष्य के पास दृष्टि हो..
जीवन में व्यवस्था तभी है,
जब मनुष्य के पास सद्बुद्धि हो..
सांसारिक जंगल में भी मंगल तभी है,
जब हृदय में आनंद और असीम शांति हो...
अंतर्दृष्टि विकसित करो,
जीवन देवता की साधना करो,
जप-स्वाध्याय से सद्बुद्धि बढ़ाओ,
ध्यान-तप से हृदय में आनंद और शांति पाओ...
एक कदम तपोमय जीवन की ओर बढ़ाओ,
स्वयं में सुधार और सकारात्मक बदलाव लाओ,
सतयुग की वापसी में अहम भूमिका निभाओ,
स्वयं में देवत्व जगा के धरती को स्वर्ग सा सुंदर बनाओ..
*विचारक्रांति, गुरुग्राम गायत्री परिवार
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