Tuesday, 12 March 2024

प्रश्न - गायत्री चालीसा में श्वेताम्बर धारी शब्द है या सिताम्बर धारी है? इसका अर्थ क्या है।

 प्रश्न - गायत्री चालीसा में श्वेताम्बर धारी शब्द है या सिताम्बर धारी है? इसका अर्थ क्या है।


उत्तर - श्वेताम्बर ( श्वेत + अंबर) लिखा है। श्वेत अर्थात सफ़ेद, अंबर का अर्थ यहाँ कपड़ा है। धारी का अर्थ यहां धारण करना है।


चौपाई :-

भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी, गायत्री नित कलिमल दहनी।

अक्षर चौबीस परम पुनीता, इसमें बसे शास्त्र, श्रुति, गीता।

शाश्वत सतोगुणी सतरुपा, सत्य सनातन सुधा अनूपा।

हंसारुढ़ *श्वेताम्बर* धारी, स्वर्ण कांति शुचि गगन बिहारी।


अर्थ - आप ही इस भूमि की जननी हैं और आपने यह कार्य ॐ के स्वरुप को रचने अर्थात परब्रह्म के साथ मिलकर किया है। आप ही कलियुग में पापों का दहन करने वाली हैं। आपके गायत्री मंत्र में कुल चौबीस अक्षर हैं और उन चौबीस अक्षरों में संपूर्ण शास्त्र, वेद व भगवत गीता बसती है। हमेशा से ही आपका रूप सद्गुणों को धारण किये हुए है और आप सनातन धर्म का सत्य हैं। आपने श्वेत रंग के वस्त्र पहने हुए हैं और आपकी सवारी हंस है। आपका तेज सोने के जैसा है और आप आकाश में भ्रमण करती हैं।


यदि आप श्वेताम्बर की जगह पिताम्बर बोलते हो तो वो भी सही होगा, पिताम्बर का अर्थ है पीला वस्त्र। रक्ताम्बर अर्थात लाल रंग का वस्त्र। माँ को किसी भी रंग के वस्त्र में ध्यान किया जा सकता है।


🙏🏻 विचारक्रांति

गायत्री परिवार गुरुग्राम हरियाणा

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